खुदा करें कि तुमको 'जुदाई' ना मिलें,
कभी भी हमको 'तन्हाई' ना मिले,
जूझे 'याद' ना करो तो कुछ ऐसा हो,
कि मौसम हो सर्दी का और तुमको 'रजाई' न मिलें..
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कल शाम मे एक औरत को ठिठुरता देख
मेरे दोस्त ने अपना कम्बल उसके बदन पर दे दिया।
उसने कम्बल फ़ेकते हुए कहा :-
.
.
गरीब नही हूँ शादी में जा रही हूँ।
कभी भी हमको 'तन्हाई' ना मिले,
जूझे 'याद' ना करो तो कुछ ऐसा हो,
कि मौसम हो सर्दी का और तुमको 'रजाई' न मिलें..
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कल शाम मे एक औरत को ठिठुरता देख
मेरे दोस्त ने अपना कम्बल उसके बदन पर दे दिया।
उसने कम्बल फ़ेकते हुए कहा :-
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गरीब नही हूँ शादी में जा रही हूँ।
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